– टीवी 6 इंडिया टीम
रुद्रपुर – नगर में आज निकाले गए बारावफात जुलूस का सर्वसमाज की ओर से भव्य स्वागत किया गया। जुलूस के मार्ग में जगह-जगह स्वागत पंडाल लगाए गए, जहां समाजसेवियों एवं युवाओं ने शाल ओढ़ाकर और पुष्पवर्षा कर प्रतिभागियों का अभिनंदन किया।
समाजसेवी सुशील गाबा ने कहा “बारावफात का जुलूस केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि इंसानियत, भाईचारे और मोहब्बत का संदेश देने का अवसर है। हज़रत मोहम्मद साहब का पूरा जीवन मानवता की सेवा, समानता और शांति का प्रतीक रहा है। उन्होंने हमें यह सिखाया कि धर्म से ऊपर इंसानियत है और समाज तभी तरक्की कर सकता है जब हर व्यक्ति एक-दूसरे के दुख-दर्द को समझे।”
उन्होंने आगे कहा कि “आज के दौर में हमें मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता है। उनके जीवन से हमें सच्चाई, ईमानदारी और दया का सबक मिलता है। यदि हम शिक्षा, आपसी सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दें तो समाज की जड़ों में मजबूती आएगी। यही समय की मांग है कि हम आने वाली पीढ़ी को मोहम्मद साहब की शिक्षाओं से जोड़ें और एक ऐसा भारत बनाएं जहां सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग शांति और प्रेम के साथ रहें।”
उन्होंने आगे कहा कि “आज के दौर में हमें मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता है। उनके जीवन से हमें सच्चाई, ईमानदारी और दया का सबक मिलता है। यदि हम शिक्षा, आपसी सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा दें तो समाज की जड़ों में मजबूती आएगी। यही समय की मांग है कि हम आने वाली पीढ़ी को मोहम्मद साहब की शिक्षाओं से जोड़ें और एक ऐसा भारत बनाएं जहां सभी धर्मों और संस्कृतियों के लोग शांति और प्रेम के साथ रहें।”

सब्ज़ी मंडी के समीप लगे मुख्य पंडाल से समाजसेवियों ने भारतीयता का मूल मंत्र “सांप्रदायिक सद्भाव और विविधता में एकता” का संदेश आम जनमानस को दिया। इस दौरान सभी समुदायों ने मिलकर भाईचारे का परिचय दिया और एक शांतिपूर्ण एवं प्रगतिशील समाज की तस्वीर पेश की।
समाजसेवी हरविंदर सिंह हरजी ने कहा कि “सांप्रदायिक सद्भाव एक अनमोल धरोहर है, इसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसी आधार पर न्यायसंगत और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।”
समाजसेवी हरविंदर सिंह हरजी ने कहा कि “सांप्रदायिक सद्भाव एक अनमोल धरोहर है, इसे संजोकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसी आधार पर न्यायसंगत और समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।”

समाजसेवी जगदीश तनेजा ने कहा कि “भारत सदियों से सांप्रदायिक एकता और विविधता में एकता का प्रतीक रहा है। यह हमारी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है।” साथ ही जगदीश तनेजा ने मुस्लिम धर्म गुरु का शाल पहनाकर स्वागत भी किया।
पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्षा नेहा सामंत ने कहा कि “सांप्रदायिक सद्भाव केवल सरकार या संस्थानों का दायित्व नहीं बल्कि हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है।”
पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष जावेद अख्तर ने कहा कि “शांति, समझ और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देकर ही सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण हो सकता है।”
इस दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष मोनू निषाद, नाजिर हुसैन, हैप्पी रंधावा, पूर्व पार्षद अमित मिश्रा, ईमरान सैफी, चेतन भट्ट, योगेश पांडे, पवन बिष्ट, रामस्वरूप, समीर, हाजी खुर्शीद और मोनू कश्यप समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।